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Showing posts from July, 2020

आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi आप यहाँ पर क्लिक करके आसानी से कृष्ण जन्माष्टमी 2020: व्रत, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व क​था भी पढ़ सकते है ! आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi ॐ जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे भक्तन के दुःख सारे पल में दूर करे || ॐ जय || परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी || ॐ जय || कर कंकन कोटि सोहत कानन में बाला मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला || ॐ जय || दीन सुधामा तारे दरिद्रों के दुःख टारे गज के फंद छुड़ाऐ भव सागर तारे || ॐ जय || हिरन्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे पाहन से प्रभु प्रगटे जम के बीच परे || ॐ जय || केशी कंस विदारे नल कूबर तारे दामोदर छवि सुन्दर भगतन के प्यारे || ॐ जय || काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे फन-फन नाचा करते नागन मन मोहे || ॐ जय || राज्य उग्रसेन पाए माता शोक हरे द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे || ॐ जय || आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in English आरती श्री कृष्ण जी की

आरती श्री प्रेतराज जी की - Aarti Shri Pretraj Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री प्रेतराज जी की - Aarti Shri Pretraj Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री प्रेतराज जी की - Aarti Shri Pretraj Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री प्रेतराज जी की - Aarti Shri Pretraj Ji Ki Lyrics in Hindi जय प्रेतराज कृपालु मेरी, अरज अब सुन लीजिये। मैं शरण तुम्हारी आ गया हूँ, नाथ दर्शन दीजिये। मैं करूं विनती आपसे, अब तुम दयामय चित धरो। चरणों का ले लिया आसरा, प्रभु वेग से मेरा दुख हरो। सिर पर मुकुट कर में धनुष, गलबीच मोतियन माल है। जो करे दर्शन प्रेम से, सब कटत तन के जाल हैं। जब पहन बख्तर ले खड़ग, बांई बगल में ढाल है। ऐसा भयंकर रूप जिनका, देख डरपत काल है। अति प्रबल सेना विकट योद्धा, संग में विकराल हैं। भूत प्रेत पिशाच बांधे, कैद करते हाल हैं। तब रूप धरते वीर का, करते तैयारी चलन की। संग में लड़ाके ज्वान जिनकी, थाह नहीं है बलन की। तुम सब तरह सामर्थ्य हो, प्रभुसकल सुख के धाम हो। दुष्टों के मारनहार हो, भक्तों के पूरण काम हो। मैं हूं मती का मन्द मेरी, बुद्धि को निर्मल करो। अज्ञान का अन्धेर उर में, ज्ञान का दीपक धरो। सब मनोरथ सिद्ध करते, जो कोई सेवा करे। तन्दुल बूरा घृत मेवा, भेंट ले आगे धरे।

आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in Hindi ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा संकट मोचन स्वामी तुम हो रनधीरा ||ॐ जय || पवन पुत्र अंजनी सूत महिमा अति भारी दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सब हारी ||ॐ जय || बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो देवन स्तुति किन्ही तुरतहिं छोड़ दियो ||ॐ जय || कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई अभिमानी बलि मेटयो कीर्ति रही छाई ||ॐ जय || जारि लंक सिय-सुधि ले आए, वानर हर्षाये कारज कठिन सुधारे, रघुबर मन भाये ||ॐ जय || शक्ति लगी लक्ष्मण को, भारी सोच भयो लाय संजीवन बूटी, दुःख सब दूर कियो ||ॐ जय || रामहि ले अहिरावण, जब पाताल गयो ताहि मारी प्रभु लाय, जय जयकार भयो ||ॐ जय || राजत मेहंदीपुर में, दर्शन सुखकारी मंगल और शनिश्चर, मेला है जारी ||ॐ जय || श्री बालाजी की आरती, जो कोई नर गावे कहत इन्द्र हर्षित मनवांछित फल पावे ||ॐ जय || आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in English Om Jai Hanumat Veera Swami Jai Hanuat Veera, Sank

आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in Hindi जय जय तुलसी माता सब जग की सुख दाता, वर दाता जय जय तुलसी माता ।। सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर रुज से रक्षा करके भव त्राता जय जय तुलसी माता।। बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता जय जय तुलसी माता ।। हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित पतित जनो की तारिणी विख्याता जय जय तुलसी माता ।। लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता जय जय तुलसी माता ।। हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता जय जय तुलसी माता ।। आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in English Jai Jai Tulsi Mata, Sab Jag Ki Sukh Daata !! Jai Jai Tulsi Mata, Maiya Jai Tulsi Mata !! Sab Yugon Ke Upar, Sab Logon Ke Upar Ruj Se Raksha Karke Bhav Trata!! Jai Jai Tulsi Mata, Maiya Jai Tulsi Mata !! Batu Putri He Shy

आरती श्री खाटू श्याम जी की - Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री खाटू श्याम जी की - Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री खाटू श्याम जी की - Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री खाटू श्याम जी की - Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki Lyrics in Hindi ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े। ॐ जय श्री श्याम हरे.. गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले। ॐ जय श्री श्याम हरे.. मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे। सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे। भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे। सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे। कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे। निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. । आरती श्री खा

आरती श्री विष्णु जी की - Aarti Shri Vishnu Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री विष्णु जी की - Aarti Shri Vishnu Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री विष्णु जी की - Aarti Shri Vishnu Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री विष्णु जी की - Aarti Shri Vishnu Ji Ki Lyrics in Hindi ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे॥ भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का॥ सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ मात पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी॥ तुम बिन और न दूजा, आस करूँ मैं जिसकी॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतरयामी॥ पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी॥ तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता॥ मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता॥ तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति॥ किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥ दीनबंधु दुखहर्ता, तुम रक्षक मेरे॥ करुणा हस्त बढ़ाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा॥ श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ तन-मन-धन सब है तेरा॥ तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा॥ आरती श्री विष्णु जी की - Aarti Shri Vishnu Ji Ki Lyrics in English Om Jai Jagadiish Hare Swaami Jai Jagadiish Hare | Bhakta Jano Ke Sankatt, Daas Janon Ke Sankatt, Kssann Me Duur

आरती श्री रामदेव जी की - Aarti Shri Ramdev Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री रामदेव जी की - Aarti Shri Ramdev Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री रामदेव जी की - Aarti Shri Ramdev Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री रामदेव जी की - Aarti Shri Ramdev Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री रामदेव जी की - Aarti Shri Ramdev Ji Ki - 1 ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे। पिता तुम्हारे अजमल मैया मेनादे।। ओउम जय।। रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी। कर में सोहे भाला मुक्तामणि धारी।। ओउम जय।। विष्णु रूप तुम स्वामी कलियुग अवतारी। सुरनर मुनिजन ध्यावे जावे बलिहारी।। ओउम जय।। दुख दलजी का तुमने भर में टारा। सरजीवन भाण को तुमने कर डारा।। ओउम जय।। नाव सेठ की तारी दानव को मारा। पल में कीना तुमने सरवर को खारा।। ओउम जय।। आरती श्री रामदेव जी की - Aarti Shri Ramdev Ji Ki - 2 पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया। घर अजमल अवतार लियो लाछां सुगणा करे थारी आरती। हरजी भाटी चंवर ढोले। पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया। गंगा जमुना बहे सरस्वती। रामदेव बाबो स्नान करे। लाछां सुगणा करे थारी आरती। हरजी भाटी चंवर ढोले। पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया। घिरत मिठाई बाबा चढे थारे चूरमो धूपारी महकार पङ

आरती श्री पार्वती जी की - Aarti Shri Parvati Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री पार्वती जी की - Aarti Shri Parvati Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री पार्वती जी की - Aarti Shri Parvati Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री पार्वती जी की - Aarti Shri Parvati Ji Ki Lyrics in Hindi जय पार्वती माता जय पार्वती माता ब्रम्हा सनातन देवी शुभ फल कदा दाता || जय पार्वती || अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता || जय पार्वती || सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था || जय पार्वती || सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता || जय पार्वती || शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता || जय पार्वती || सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराता नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता || जय पार्वती || देवन अरज करत हम चित को लाता गावत दे दे ताली मन में रंगराता || जय पार्वती || श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता सदा सुखी रहता सुख संपति पाता || जय पार्वती || आरती श्री पार्वती जी की - Aarti Shri Parvati Ji Ki Lyrics in English Jai Parvati Mata Jai Parvati Mata Brahma Sanatan Devi Shubh Fal Kada

आरती श्री राणी सती जी की - Aarti Shri Raani Sati Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री राणी सती जी की - Aarti Shri Raani Sati Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री राणी सती जी की - Aarti Shri Raani Sati Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री राणी सती जी की - Aarti Shri Raani Sati Ji Ki Lyrics in Hindi ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता, अपने भक्त जनन की दूर करन विपत्ती॥ अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा दुर्जन दलन खडग की विद्युतसम प्रतिभा॥ मरकत मणि मंदिर अतिमंजुल, शोभा लखि न पडे, ललित ध्वजा चहुँ ओरे , कंचन कलश धरे॥ घंटा घनन घडावल बाजे, शंख मृदुग घूरे, किन्नर गायन करते वेद ध्वनि उचरे॥ सप्त मात्रिका करे आरती, सुरगण ध्यान धरे, विविध प्रकार के व्यजंन, श्रीफल भेट धरे॥ संकट विकट विदारनि, नाशनि हो कुमति, सेवक जन ह्रदय पटले, मृदूल करन सुमति, अमल कमल दल लोचनी, मोचनी त्रय तापा॥ त्रिलोक चंद्र मैया तेरी,शरण गहुँ माता॥ या मैया जी की आरती, प्रतिदिन जो कोई गाता, सदन सिद्ध नव निध फल, मनवांछित पावे || आरती श्री राणी सती जी की - Aarti Shri Raani Sati Ji Ki Lyrics in English Jai Sri Ranisatiji Mayya, Jai Jagdambe Sati | Apne bhakt jano ki Mayya, Apne daas jano ki Mayya,

आरती श्री गोपाल जी की- Aarti Shri Gopal Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री गोपाल जी की- Aarti Shri Gopal Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री गोपाल जी की- Aarti Shri Gopal Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री गोपाल जी की- Aarti Shri Gopal Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री गोपाल जी की -1 आरती जुगलकिशोर कि कीजै, तन मन धन न्यौछावर कीजै ॥ रवि शशि कोटि बदन कि शोभा, ताहि निरखि मेरी मन लोभा ॥ गौर श्याम मुख निखरत रीझै, प्रभु को स्वरूप नयन भरि पीजै ॥  कंचन थार कपूर की बाती, हरि आए निर्मल भई छाती ॥ फूलन की सेज फूलन की माला, रतन सिंहासन बैठे नन्दलाला ॥ मोर मुकुट कर मुरली सोहे, नटवर वेष देखि मन मोहे ॥ ओढ़यो नील-पीत पटसारी, कुंज बिहारी गिरवरधारी ॥ श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी,आरती करें सकल ब्रजनारी ॥ नन्द लाला वृषभानु किशोरी, परमानन्द स्वामी अविचल जोरि ॥ आरती जुगल किशोर की कीजै, तन मन धन न्यौछावर कीजै ॥ आरती श्री गोपाल जी की -2 आरती बालकृष्ण की कीजे । अपना जनम सफल करि लीजे ।। श्री यशोदा का परम दुलारा । बाबा की अखियन का तारा ।। गोपिन के प्राणन का प्यारा । इन पर प्राण निछावर कीजे ।। आरती बालकृष्ण की कीजे । बलदाऊ का छोटा भैया। कान्हा कहि कहि बोलत मैया ।। परम मुदित मन लेत वलैया ।

आरती श्री शीतला जी की - Aarti Shri Shitla Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री शीतला जी की - Aarti Shri Shitla Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री शीतला जी की - Aarti Shri Shitla Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री शीतला जी की - Aarti Shri Shitla Ji Ki Lyrics in Hindi जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता, आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता | जय रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता, ऋद्धिसिद्धि चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता | जय विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता, वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता | जय इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा, सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता | जय घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता, करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता | जय ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता, भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता | जय जो भी ध्यान लगावैं प्रेम भक्ति लाता, सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता | जय रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता, कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता | जय बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता, ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता | जय शीतल करती जननी तुही है जग त्राता, उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता | जय दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता, भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भात

आरती श्री सीता जी की - Aarti Shri Sita Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री सीता जी की - Aarti Shri Sita Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री सीता जी की - Aarti Shri Sita Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री सीता जी की - Aarti Shri Sita Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की॥ आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन चारिणी, पति हित पति वियोग स्वीकारिणी, त्याग धर्म मूर्ति धरी की॥ आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ विमल कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पवन मति आई, सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई, शरणागत जन भय हरी की॥ आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ आरती श्री सीता जी की - Aarti Shri Sita Ji Ki Lyrics in English Aarti shri Janak dulari ki। Sita Ji Shri Raghubar Pyaari ki॥ Jagat janani jag ki vistaarini, nitya satya saaket viharini, Param dayamai dinodharini, siya maiya bhaktan hitkaari ki॥ Aarti shri Janak dulari ki। Sita Ji Shri Raghubar Pyaari ki॥ S

आरती श्री राधा जी की - Aarti Shri Radha Ji ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री राधा जी की - Aarti Shri Radha Ji ki Lyrics in Hindi आरती श्री राधा जी की - Aarti Shri Radha Ji ki Lyrics in Hindi आरती श्री राधा जी की - Aarti Shri Radha Ji ki Lyrics in Hindi Shri Radha Ji Ki Aarti : श्री राधा जी की आरती आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजु मूर्ति मोहन ममता की।। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेक विराग विकासिनि। पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की।। आरती श्री वृषभानुसुता की। मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरती सोहनि। अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की।। आरती श्री वृषभानुसुता की। संतत सेव्य सत मुनि जनकी, आकर अमित दिव्यगुन गनकी। आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी, अति अमूल्य सम्पति समता की।। आरती श्री वृषभानुसुता की। कृष्णात्मिका, कृषण सहचारिणि, चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि। जगज्जननि जग दुखनिवारिणि, आदि अनादिशक्ति विभुता की।। आरती श्री वृषभानुसुता की। आरती श्री राधा जी की - Aarti Shri Radha Ji ki Lyrics in English Aarti Shri Vrishbhanu Suta Ki, Manjul Murti Mohan Mamta Ki || Trividh Tapyut Sansriti Nashini, Vimal Vivekvirag Vika

श्री तुलसी चालीसा - Tulsi Chalisa Lyrics in Hindi

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श्री तुलसी चालीसा - Tulsi Chalisa Lyrics in Hindi श्री तुलसी चालीसा - Tulsi Chalisa Lyrics in Hindi श्री तुलसी चालीसा - Tulsi Chalisa Lyrics in Hindi ॥दोहा॥ जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥ श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब। जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब॥ ॥चौपाई॥ धन्य धन्य श्री तलसी माता। महिमा अगम सदा श्रुति गाता॥ हरि के प्राणहु से तुम प्यारी। हरीहीँ हेतु कीन्हो तप भारी॥ जब प्रसन्न है दर्शन दीन्ह्यो। तब कर जोरी विनय उस कीन्ह्यो॥ हे भगवन्त कन्त मम होहू। दीन जानी जनि छाडाहू छोहु॥ सुनी लक्ष्मी तुलसी की बानी। दीन्हो श्राप कध पर आनी॥ उस अयोग्य वर मांगन हारी। होहू विटप तुम जड़ तनु धारी॥ सुनी तुलसी हीँ श्रप्यो तेहिं ठामा। करहु वास तुहू नीचन धामा॥ दियो वचन हरि तब तत्काला। सुनहु सुमुखी जनि होहू बिहाला॥ समय पाई व्हौ रौ पाती तोरा। पुजिहौ आस वचन सत मोरा॥ तब गोकुल मह गोप सुदामा। तासु भई तुलसी तू बामा॥ कृष्ण रास लीला के माही। राधे शक्यो प्रेम लखी नाही॥ दियो श्राप तुलसिह तत्काला। नर लोकही तुम जन्महु बाला॥ यो गोप वह दानव राजा। शङ्ख चुड नामक शिर त