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Adhik Maas 2020 : अधिकमास में कौन से काम करना वर्जित है, किस दिन आ रहे हैं शुभ संयोग

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 Adhik Maas 2020 : अधिकमास में कौन से काम करना वर्जित है, किस दिन आ रहे हैं शुभ संयोग Adhik Maas 2020 अधिकमास को लेकर लोगों के मन में भ्रम रहता है कि इन दिनों क्या करना चाहिए और क्या नहीं। अधिकमास में ऐसे काम जो फल प्राप्ति की कामना से करते हैं वो वर्जित होते हैं। इस वर्ष अश्विन मास में ही अधिकमास लग रहा है। अधिकमास 32 महीने, 16 दिन और 4 घटी के अन्तर से आता है। इसे अधिक मास, मलमास, मलिच्छ मास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। 12 महीनों में वरुण, सूर्य, भानु, तपन, चण्ड, रवि, गभस्ति, अर्यमा, हिरण्यरेता, दिवाकर, मित्र और विष्णु 12 मित्र होते हैं और अधिकमास इनसे अलग होता है। इस साल यह 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक है। आइए जानते हैं कि इन दिनों किन कामों को करना वर्जित है और किन कार्यों को किया सकता है। इन कार्यों को अधिकमास में करना है वर्जित: कुएँ, बावली, तालाब, और बाग आदि शुरू करना, किसी भी प्रयोजन के व्रतों का आरंभ और उद्यापन, नवविवाहिता वधू का प्रवेश, पृथ्वी, हिरण्य और तुला आदि के महादान, सोमयज्ञ और अष्टका श्राद्ध, गौ का यथोचित दान, आग्रयण, उपाकर्म, वेदव्रत, अकिपन्न, देवप्रतिष्ठा, मंत्र द

कृष्ण जन्माष्टमी 2020: जानिये व्रत, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व क​था

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Krishna Janmashtami 2020 : Vrat, Katha, Shubh Muhurat, Pujan Vidhi कृष्ण जन्माष्टमी 2020: जानिये व्रत, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व क​था कृष्ण जन्माष्टमी 2020: जानिये व्रत, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व क​था कृष्ण जन्माष्टमी 2020:  शुभ मुहूर्त 2020 में जन्माष्टमी ( Janmashtami 2020 ) 12 अगस्त, 2020 (बुधवार) को है ! जन्माष्टमी मुहूर्त्त  निशीथ पूजा मुहूर्त : 24:03:15 से 24:47:17 तक अवधि : 00 घंटे 44 मिनट जन्माष्टमी पारणा मुहूर्त : 05:55:02 के बाद 13, अगस्त को आप यहाँ पर क्लिक करके आसानी से श्री कृष्ण जी की आरती - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi भी पढ़ सकते है ! कृष्ण जन्माष्टमी ( Janmashtami ) 2020 : मुहूर्त के नियम - Krishna Janmashtami 2020 : Shubh Muhurat 1. अष्टमी पहले ही दिन आधी रात को विद्यमान हो तो जन्माष्टमी व्रत Janmashtami vrat पहले दिन किया जाता है। 2. अष्टमी केवल दूसरे ही दिन आधी रात को व्याप्त हो तो जन्माष्टमी व्रत दूसरे दिन किया जाता है। 3. अष्टमी दोनों दिन आधी रात को व्याप्त हो और अर्धरात्रि (आधी रात) में रोहिणी नक्षत्र का योग एक ही दिन हो तो जन्माष्टमी व्रत रोहिणी नक्षत्

आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi आप यहाँ पर क्लिक करके आसानी से कृष्ण जन्माष्टमी 2020: व्रत, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व क​था भी पढ़ सकते है ! आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in Hindi ॐ जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे भक्तन के दुःख सारे पल में दूर करे || ॐ जय || परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी || ॐ जय || कर कंकन कोटि सोहत कानन में बाला मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला || ॐ जय || दीन सुधामा तारे दरिद्रों के दुःख टारे गज के फंद छुड़ाऐ भव सागर तारे || ॐ जय || हिरन्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे पाहन से प्रभु प्रगटे जम के बीच परे || ॐ जय || केशी कंस विदारे नल कूबर तारे दामोदर छवि सुन्दर भगतन के प्यारे || ॐ जय || काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे फन-फन नाचा करते नागन मन मोहे || ॐ जय || राज्य उग्रसेन पाए माता शोक हरे द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे || ॐ जय || आरती श्री कृष्ण जी की - Aarti Shri Krishna Ji Ki Lyrics in English आरती श्री कृष्ण जी की

आरती श्री प्रेतराज जी की - Aarti Shri Pretraj Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री प्रेतराज जी की - Aarti Shri Pretraj Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री प्रेतराज जी की - Aarti Shri Pretraj Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री प्रेतराज जी की - Aarti Shri Pretraj Ji Ki Lyrics in Hindi जय प्रेतराज कृपालु मेरी, अरज अब सुन लीजिये। मैं शरण तुम्हारी आ गया हूँ, नाथ दर्शन दीजिये। मैं करूं विनती आपसे, अब तुम दयामय चित धरो। चरणों का ले लिया आसरा, प्रभु वेग से मेरा दुख हरो। सिर पर मुकुट कर में धनुष, गलबीच मोतियन माल है। जो करे दर्शन प्रेम से, सब कटत तन के जाल हैं। जब पहन बख्तर ले खड़ग, बांई बगल में ढाल है। ऐसा भयंकर रूप जिनका, देख डरपत काल है। अति प्रबल सेना विकट योद्धा, संग में विकराल हैं। भूत प्रेत पिशाच बांधे, कैद करते हाल हैं। तब रूप धरते वीर का, करते तैयारी चलन की। संग में लड़ाके ज्वान जिनकी, थाह नहीं है बलन की। तुम सब तरह सामर्थ्य हो, प्रभुसकल सुख के धाम हो। दुष्टों के मारनहार हो, भक्तों के पूरण काम हो। मैं हूं मती का मन्द मेरी, बुद्धि को निर्मल करो। अज्ञान का अन्धेर उर में, ज्ञान का दीपक धरो। सब मनोरथ सिद्ध करते, जो कोई सेवा करे। तन्दुल बूरा घृत मेवा, भेंट ले आगे धरे।

आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in Hindi ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा संकट मोचन स्वामी तुम हो रनधीरा ||ॐ जय || पवन पुत्र अंजनी सूत महिमा अति भारी दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सब हारी ||ॐ जय || बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो देवन स्तुति किन्ही तुरतहिं छोड़ दियो ||ॐ जय || कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई अभिमानी बलि मेटयो कीर्ति रही छाई ||ॐ जय || जारि लंक सिय-सुधि ले आए, वानर हर्षाये कारज कठिन सुधारे, रघुबर मन भाये ||ॐ जय || शक्ति लगी लक्ष्मण को, भारी सोच भयो लाय संजीवन बूटी, दुःख सब दूर कियो ||ॐ जय || रामहि ले अहिरावण, जब पाताल गयो ताहि मारी प्रभु लाय, जय जयकार भयो ||ॐ जय || राजत मेहंदीपुर में, दर्शन सुखकारी मंगल और शनिश्चर, मेला है जारी ||ॐ जय || श्री बालाजी की आरती, जो कोई नर गावे कहत इन्द्र हर्षित मनवांछित फल पावे ||ॐ जय || आरती श्री बालाजी जी की - Aarti Shri Balaji Ki Lyrics in English Om Jai Hanumat Veera Swami Jai Hanuat Veera, Sank

आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in Hindi जय जय तुलसी माता सब जग की सुख दाता, वर दाता जय जय तुलसी माता ।। सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर रुज से रक्षा करके भव त्राता जय जय तुलसी माता।। बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता जय जय तुलसी माता ।। हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित पतित जनो की तारिणी विख्याता जय जय तुलसी माता ।। लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता जय जय तुलसी माता ।। हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता जय जय तुलसी माता ।। आरती श्री तुलसी जी की - Aarti Shri Tulsi Ji Ki Lyrics in English Jai Jai Tulsi Mata, Sab Jag Ki Sukh Daata !! Jai Jai Tulsi Mata, Maiya Jai Tulsi Mata !! Sab Yugon Ke Upar, Sab Logon Ke Upar Ruj Se Raksha Karke Bhav Trata!! Jai Jai Tulsi Mata, Maiya Jai Tulsi Mata !! Batu Putri He Shy

आरती श्री खाटू श्याम जी की - Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki Lyrics in Hindi

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आरती श्री खाटू श्याम जी की - Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री खाटू श्याम जी की - Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki Lyrics in Hindi आरती श्री खाटू श्याम जी की - Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki Lyrics in Hindi ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े। ॐ जय श्री श्याम हरे.. गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले। ॐ जय श्री श्याम हरे.. मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे। सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे। भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे। सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे। कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे। निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. । आरती श्री खा